Let’s start this post 24 Districts of Jharkhand (झारखण्ड के २४ जिले )
INTRODUCTION
झारखण्ड का निर्माण बिहार से 15 नवंबर 2000 ई को अलग कर बनाया गया।
1 . उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल -0 7 जिले
- हज़ारीबाग़ – हज़ारीबाग़ 1834 ई में अस्तित्व में आया ,अभी दो अनुमंडल ,बरही और हज़ारीबाग़ है ,क्षेत्रफल 4313 .15 वर्ग किलोमीटर है ,मुख्य खनिज अभ्रक और कोयला है ,तथा प्रमुख नदियां बरकार , कोनार ,दामोदर है। JH -02 (हज़ार उद्यानों का शहर हज़ारीबाग़ को कहा जाता है। )
- रामगढ़ – रामगढ़ 1994 में हजारबाग़ से अलग कर बनाया गया ,अभी एक अनुमंडल , रामगढ़ है,क्षेत्रफल 1211 .06 वर्ग किलोमीटर है ,मुख्य खनिज-कोयला , चुना पत्थर ,अभ्रक है।, तथा प्रमुख नदियां बरकार ,दामोदर, भेरवा है। JH -24
- कोडरमा -कोडरमा 10 अप्रैल 1984 में अस्तित्व में आया,अभी एक अनुमंडल कोडरमा है ,क्षेत्रफल 1311 .63 वर्ग किलोमीटर है,मुख्य खनिज-अभ्रक,चुना पत्थर है तथा प्रमुख नदियां दामोदर ,बरसोदी , सकरी है। JH -12 (प्रमुख शहर कोडरमा और झुमरीतिलैया है। )
- चतरा -चतरा 1994 ई में हजारीबाग़ से अलग कर बनाया गया, अभी दो अनुमंडल ,चतरा और सिमरिया है ,क्षेत्रफल-3706 वर्ग किलोमीटर है,मुख्य खनिज कोयला , अभ्रक ,चुना पत्त्थर है। JH -13
- धनबाद -धनबाद 24 अक्टूबर 1956 ई में अस्तित्व में आया,अभी एक अनुमंडल धनबाद है (प्रस्तवित -बाघमारा , निरसा , गोविंदपुर ) क्षेत्रफल-2070 .68 वर्ग किलोमीटर है,मुख्य खनिज कोयला है। तथा प्रमुख नदियां दामोदर,बरकार ,यमुनिया है। JH -10 (Black diamond city- Dhanbad)
- बोकारो -बोकारो 1991 में अस्तित्व में आया, अभी दो अनुमंडल , चास और बेरमो है ,क्षेत्रफल-2660 .82 वर्ग किलोमीटर है,मुख्य खनिज कोयला है यह बिकसित जिला है।,यहाँ बोकारो स्टील प्लांट ,जे पि सीमेंट और गैस बाटलिंग प्लांट, है ,प्रमुख नदियां दामोदर , बोकारो है। JH -09
- गिरिडीह -गिरिडीह 6 दिसम्बर 1972 ई में अस्तित्व में आया,अभी चार अनुमंडल गिरिडीह ,डुमरी ,खोरी महुआ ,बगोदर-सरिया है ,क्षेत्रफल-4887 .05 वर्ग किलोमीटर है,मुख्य खनिज कोयला है ,स्टील कम्पनियां जैसे शिवम्, बालमुकुंद आदि। JH -11
2 .दक्षिणी छोटानागपुर प्रमंडल – 5 जिले
- रांची -रांची झारखण्ड की राजधानी है , समुद्र तल से 600 मीटर उचाई में है ,रांची जिला का पूर्व नाम लोहरदगा था , 1899 ई में रांची नाम दिया गया। अभी दो अनुमंडल रांची सदर और बुंडू है , क्षेत्रफल-4962 .82 वर्ग किलोमीटर है, मुख्य खनिज बाक्साइट ,एस्बेस्टस ,मोनोजाइट ,चीनीमिट्टी ,चूनापत्थर आदि। भरी उद्योग निगम (HEC) हटिया में है। प्रमुख नदियां स्वर्णरेखा ,शंख ,जुमार , दक्षिणी कोयल आदि है। पर्यटन क्षेत्र -नक्षत्र वन , रॉक गार्डन ,हुंडरू जल प्रपात , जोन्हा जल प्रपात आदि। यहां JSCC क्रिकेट स्टेडियम जहा इंटरनेशनल क्रिकेट मैच होता है तथा खेल गांव में फुटबॉल ,हॉकी , तीरंदाज ,बैडमिंटन ,स्विंगमिंग आदि स्टेडियम है। बिरसा मुंडा हवाई अड्डा भी स्थित है। JH -01
- खुँटी -खुँटी 12 सितम्बर 2007 ई में अस्तित्व में आया,रांची से अलग कर बन बनाया गया , अभी एक अनुमंडल खूंटी है ,क्षेत्रफल -2610 .86 वर्ग किलोमीटर है, मुख्य खनिज बाक्साइटऔर चुना पत्थर है। पर्यटन पंच घाघ ,बिरसा मृग बिहार प्रमुख है ,बिरसा मुंडा की जन्मस्थली उलिहातू ,डोमबाडी बुरु जहाँ से उलगुलाल शुरु हुआ था खूंटी जिले में हैा यह जिला लाह का सबसे बड़ा उत्पादक जिला है। JH -23
- गुमला -गुमला का अर्थ मुंडारी में धान कूटना होता है ,जो स्थनीये लोगो का पेशा है। 1984 में रांची जिला से अलग कर गुमला स्वतंत्र जिला बनाया गया। अभी तीन अनुमंडल गुमला ,चैनपुर ,बसिया है , क्षेत्रफल-5320 .94 वर्ग किलोमीटर है,प्रमुख नदियां कोयल , शंख है ,मुख्य खनिज बाक्साइट,अभ्र्क और कायनाइट आदि। यहाँ कोरान्बे और दोईसागढ प्रमुख ऐतिहासिक स्थल है, टंगी नाथ प्रमुख तीर्थ स्थल है। JH -07
- सिमडेगा -सिमडेगा 4 अप्रैल 2001 ई में गुमला जिला से अलग कर बनाया गया , अभी एक अनुमंडल सिमडेगा है , क्षेत्रफल – 3756 .19 वर्ग किलोमीटर है, इसकी सीमा ओडिशा और छत्तीसगढ़ में मिलती है। मुख्य खनिज ग्रेनाइट और इमारती पत्थर है। टोकरी उद्योग प्रमुख है, प्रमुख नदियां शंख,देव ,पलमारा है ,यहां हॉकी प्रचलित खेल है। मॉइकल कीड़ो , सिलवानुस डुंगडुंग इसी जिले से है। JH -20
- लोहरदगा – लोहरदगा 1931 -32 में ब्रिटिश शासन कल में जिला बनाया गया था ,लोहे का काम करने वाले से इसका नाम लोहरदगा पड़ा। लोहरदगा एक वृहद् जिला था। 1899 ई मे रांची मुख्यालय था ,जिसे लोहरदगा से अलग कर रांची जिला बनाया गया। अभी एक अनुमंडल लोहरदगा है ,क्षेत्रफल- 1490 .80 वर्ग किलोमीटर है,प्रमुख नदी कोयल है ,मुख्य खनिज बाक्साइट का भंडार है। नंदी जल प्रपात प्रमुख है। JH -08
3 .कोल्हान प्रमंडल-03
- पूर्वी सिंहभूम -सिंहभूम का अर्थ -लैंड ऑफ़ लायन 1981 ई में सिंहभूम जिला को दी भागो में बांटा गया ,पूर्वी सिंहभूम और पश्चिमी सिंहभूम। पूर्वी सिंहभूम का मुख्यालय – जमशेदपुर , जो इस्पात के लिए प्रसिद्द है , जमशेदपुर को भारत का पिट्सवर्ग कहते है। अभी दो अनुमंडल धालभूम और घाटशिला है ,क्षेत्रफल -3533 .35 वर्ग किलोमीटर है,प्रमुख नदियां स्वर्णरेखा और खरकई है ,मुख्य खनिज तांबा ,युरेनियम , सोना के अतिरिक्त कोयला और लोहा पाया जाता हैा ओद्योगिक दृस्टि से यह जिला झारखण्ड की आर्थिक राजधानी है। पर्यटन जुबली पार्क ,डिमना नाला जलाशय ,धारागिरि आदि। यहाँ एक क्रिकेट स्टेडियम कीनन प्रसिद्द है।तथा दो हवाई अड्डा टाटानगर ,चाकुलिया है । JH -05
- पश्चिमी सिंहभूम-पश्चिमी सिंहभूम का मुख्यालय – चाईबासा है ,1981 ईमें अस्तित्व में आया, क्षेत्रफल 5290 .21 वर्ग किलोमीटर है ,अभी तीन अनुमंडल सिंहभूम सदर ,पोड़ाहाट ,जगन्नाथपुर है, प्रमुख नदियां दक्षिणी कोयल ,वैतरणी ,शरो ,देव ,कारो ,कोयला है ,मुख्य खनिज मैगनीज ,क्रोमियम ,,कयनाईट ,चुना पत्थर है ,उद्योग तसर/रेशम उत्पादन ,सीमेंट ,लकड़ी का कार्य आदि , पर्यटन सारंडा वन ,मुरगा महादेव। विश्व कल्याण आश्रम, हिरणी जल प्रपात आदि सारंडा के सात वन विश्व प्रसिद्द है। JH -06
- सरायकेला -खरसावां -सरायकेला -खरसावां 2001 ई में गठन किया गया ,क्षेत्रफल 2724 .55 वर्ग किलोमीटर है ,अभी दो अनुमंडल सरायकेला और चाण्डिल ,मुख्य खनिज लोह अयस्क है ,आदित्य पुर आद्यौगिक क्षेत्र प्रसिद्द है , जुपिटर सीमेंट , स्टील अभिजीत ग्रुप ,वेदांत ग्रुप आदि उद्योग । JH -22
4 .पलामू प्रमंडल -03
- पलामू -पलामू 1128 में अस्तित्व में आया, पालमु मुख्यालय डाल्टनगंज है ,जिसका नाम मैदानीनगर किया गया है ,क्षेत्रफल 5043.80 वर्ग किलोमीटर है,अभी तीन अनुमंडल मदनी नगर ,हुसेना बाद ,और छतर पुर है। प्रमुख नदियां सोन ,कोयल ,ओरंगा है , मुख्य खनिज लोह अयस्क ,बाक्साइट ,लिथियम ,डोलोमाइट ,सीसा ,चांदी और कोयला है , मिरचइया जलप्रपात ,गरम जल का ताता पानी कुंड आदि।JH -03
- लातेहार -लातेहार 4 अप्रैल 2001 ई में पलामू जिला से अलग कर बनाया गया ,क्षेत्रफल-3660 .47 वर्ग किलोमीटर है, अभी दो अनुमंडल लातेहार और महुआटांड़ है ,मुख्य खनिज ग्रेनाइट ,कवार्टज़ , कोयला , बॉक्साइट ,डोलोमाइट आदि ,प्रमुख पर्यटन स्थल पलामू किला ,नेतर हाट , बूढा घाघ (लोथा ) प्रपात है। इस जिले का एक मात्र राष्टीय पार्क बेतला राष्टीय पार्क है। JH -19
- गढ़वा – गढ़वा 1 अप्रैल 1991 ई में पलामू से अलग कर बनाया गया ,यह मराठो द्वारा बसाया गया है , ऐसा माना जाता है ,क्षेत्रफल-4044 .22 वर्ग किलोमीटर है,अभी तीन अनुमंडल गढ़वा ,नगर ऊटरी और रंका है ,प्रमुख नदियां कोयल ,सोन है ,मुख्य खनिज लोह अयस्क ,ग्रेफाइट ,सीसा ,बाक्साइट , कोयला है। भवनाथ पुर में काली मंदिर और नगर ऊटरी प्रखंड में वंशी धर मंदिर प्रमुख है। JH -14
5 .संथाल परगना प्रमंडल -06
- दुमका -दुमका 1955 ई में जिला बनाया गया पहले संथाल का अनुमंडल था ,यह झारखण्ड की उप राजधानी है। क्षेत्रफल 3716 .20 वर्ग किलोमीटर है,अभी एक अनुमंडल दुमका सदर है ,मुख्य खनिज कोयला , चीनी मिटटी आदि , उद्योग , में कुटीर ओट लघु उद्योग है , इनमे हाथ करघा ,वस्त्र ,तसर ,रेशम , रस्सी , बीड़ी उद्योग है। मलूटी एक गांव है जिसे मंदिरो का गांव कहा जाता है ,यहां 108 मंदिर है। मयूराक्षी नदी पर मसानजोर डैम और तीलपहाड बराज जिसे कनाड़ा डैम भी कहते है, मयूराक्षी नदी के किनारे राज्य का प्रसिद्ध हिजला मेला लगता है। JH -04
- जामतारा – जामतारा 26 अप्रैल 2001 ई को दुमका जिला से अलग कर बनाया गया ,क्षेत्रफल 180 .98 वर्ग किलोमीटर है,अभी एक अनुमंडल जामतारा है ,यहां पत्थर उद्योग प्रमुख है। JH -21
- देवघर – देवघर 1981 ई गठन किया गया ,यह जिला झारखण्ड और बिहार का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल, यहां का बैधनाथ धाम देश में प्रसिद्ध जो श्रावण माह में लगता है। क्षेत्रफल 2479 वर्ग किलोमीटर है ,अभी दो अनुमंडल देवघर और मधुपुर हैा प्रमुख नदियां मयूराक्षी ,अजय है। मुख्य खनिज कोयला ,एस्बेस्टस औद्योगिक ईकाई दवा उद्योग ,चीनी मिटटी उद्योग , धागा उद्योग ,रेलवे बैगन फैक्ट्री ,डाबर इंडिया जैसे उद्योग है। JH-15
- गोड्ड़ा -गोड्डा 1981 ई में गठन किया गया ,क्षेत्रफल 2110 .45 वर्ग किलोमीटर है ,अभी दो अनुमंडल गोड्डा और महगामा है ,मुख्य खनिज कोयला, शीशा उद्योग है। JH -17
- साहिबगंज – साहिबगंज 1983 ई में गठन किया गया ,क्षेत्रफल 1549 .97 वर्ग किलोमीटर है ,अभी दो अनुमंडल साहिबगंज और राजमहल है ,प्रसिद्ध गंगा नदी साहिबगंज से होकर गुजरती है। यहाँ उधवा पक्षी बिहार और जीवाश्म उद्यान प्रमुख है ,पर्यटन के लिए राजमहल के सिंदी ढ़लान , अकबरी मस्जिद ,विध्यवासनी मंदिर है ,चाइना क्ले फेक्ट्री प्रमुख है। JH -18
- पाकुड़ -पाकुड़ 1994 ई में किया गया ,क्षेत्रफल 1805.59 वर्ग किलोमीटर है ,अभी एक अनुमंडल पाकुड़ है ,उद्योग पत्थर उद्योग ,लोह उद्योग ,बीड़ी उद्योग आदि है। मुख्य नदियां गुमानी ,बंसलाई ,पालसी है। JH -16
झारखण्ड एक जनजाति बाहुल क्षेत्र है ,कुल जनजातियों की जनसँख्या 2011 के अनुसार 8,645,042 है, कुल जनसँख्या का 26 % है।
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